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  1. 30 cze 2023 · मुंशी प्रेमचंद के विचार. सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम जिंदगी हैं।. लिखते तो वह लोग हैं, जिनके अंदर कुछ दर्द है, अनुराग है, लगन है, विचार है। जिन्होंने धन और भोग-विलास को जीवन का लक्ष्य बना लिया, वह क्या लिखेंगे? स्त्री गालियां सह लेती है, मार भी सह लेती है, पर मायके की निंदा उससे नहीं सही जाती।.

  2. मुंशी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के बेहतरीन भारतीय लेखकों में से एक हैं। उनका मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद है। उन्होंने बहुत सारी ...

  3. प्रेमचंद. धनपत राय श्रीवास्तव ( ३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक ...

  4. मुंशी प्रेमचंद के अमूल्य वचन- 1. आशा उत्साह की जननी है। आशा में तेज है, बल है, जीवन है। आशा ही संसार की संचालक शक्ति है।. 2. आदमी का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है।. 3. आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म ओर अधिकार है।. 4. निराशा संभव को अससंभव बना देती है।. 5. सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम ही जिंदगी हैं।. 6.

  5. Hindi PDF Books Author: मुंशी प्रेमचंद विश्वास, विश्वास को उत्पन्न करता है और अविश्वास, अविश्वास को। यह स्वाभाविक है - vishwas , vishwas ko utpann karta hai aur asvishwas, avishvas ko . yah ...

  6. 3 wrz 2024 · Munshi Premchand Quotes: बनारस के लमही में 31 जुलाई 1880 को पैदा हुए इस लेखक ने अपनी रचनाओं के लिए ब्रिटिश हुकूमत की सजा भी भोगी, लेकिन पीछे नहीं हटे। वह ...

  7. मुंशी प्रेमचंद के अमूल्य वचन- 1. आशा उत्साह की जननी है। आशा में तेज है, बल है, जीवन है। आशा ही संसार की संचालक शक्ति है।. 2. आदमी का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है।. 3. आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म ओर अधिकार है।. 4. निराशा संभव को अससंभव बना देती है।. 5. सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम ही जिंदगी हैं।. 6.

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